भारत हित रक्षा अभियान के नेतृत्व में ठेले वालो ने कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन।

 


भारत हित रक्षा अभियान सड़क पर आगे भी लड़ेगा फुटपाथ दुकानदारो का आंदोलन



   भारत हित रक्षा अभियान द्वारा पिछले 80 दिनों से इंदौर शहर के ठेला फुटपाथ दुकानदारों के पक्ष में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था , जिसमे पथ विक्रेताओं के अधिकारों और योजनाओं के बारे में ठेले फुटपाथ दुकानदारो को बताया जा रहा था ।


     भारत हित रक्षा अभियान ने पूरे इंदौर में 15000 ठेलेवालों तक पहुँच कर उनके ठेले पर प्लास्टिक की तख़्ती लगाने का कार्य किया जिस पर लिखा हुआ है , मेरा भी परिवार है ,जीने का अधिकार है , मेहनत की रोटी खाने दो , इस प्रकार की भावनात्मक अपील के साथ यह शांतिपूर्ण आंदोलन किया गया।



     पथ विक्रेताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2014 में केंद्रीय अधिनियम पारित किया गया जिसे पथ विक्रेता (आजीविका का संरक्षण) अधिनियम 2014 कहा गया। इस केंद्रीय कानून में पथ विक्रेताओं के मौलिक अधिकारों को डाला गया और एक मजबूत कानून भारत के पथ विक्रेताओं को हासिल हुआ। लेकिन इस कानून का पालन सम्पूर्ण भारत मे कहि नहीं किया जा रहा है इसी कारण हर राज्य में फुटपाथ दुकानदार सड़को पर आंदोलन कर रहे हैं। 


     इंदौर में चल रहे प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि भय मुक्त व्यापार करने का वातावरण तैयार किया जाए , आये दिन पुलिस और निगमकर्मी अवैध वसूली और जब्ती कर कानून का सरेआम उल्लंघन कर रहे है जिस पर रोक लगाई जाए।


   पथ विक्रेता अधिनियम 2014 में साफ तौर पर यह लिखा गया है कि प्राकृतिक बाजारों का संरक्षण किया जाना है , व नए मार्केट को तैयार किया जाना है। अधिनियम यह साफ तौर पर दर्शाता है ,की शहर की आबादी का 2.5 प्रतिशत जगह फुटपाथ दुकानदारों को आवंटित की जानी चाहिए यानी 35 लाख की आबादी वाले इंदौर शहर में 75 हज़ार ठेला फुटपाथ दुकानदारो को जगह दी जानी चाहिए।


   12 अक्टूबर को 12 बजे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भारत हित रक्षा अभियान के कार्यकर्ता और ठेले वाले कलेक्टर ऑफिस के बाहर पहुँचे , जहाँ भारी मात्रा में पुलिस बल पहले से ही मौजूद था। ठेलेवालों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां के साथ सड़क पर लेट कर अपना विरोध प्रशासन के सामने दर्ज किया व मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।